गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किया गया जागरूक
गोरखपुर । महिला अध्ययन केंद्र एवं गृह विज्ञान विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के तत्वावधान में “स्तनपान सप्ताह” (Breastfeeding Week) के अवसर पर एक जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम “Prioritize Breastfeeding: Create Sustainable Support Systems” रही।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की एम.एस.सी. खाद्य एवं पोषण (Food and Nutrition) की छात्राओं ने जिला अस्पताल, गोरखपुर में गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्तनपान के लाभों के प्रति जागरूक किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को शिशु के प्रारंभिक छह महीनों तक केवल स्तनपान कराने के महत्व को समझाना तथा उनके आसपास एक सशक्त समर्थन प्रणाली विकसित करने की दिशा में जागरूकता फैलाना रहा।


छात्राओं ने महिलाओं को बताया कि स्तनपान न केवल शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह माँ के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। स्तनपान से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, तथा उन्हें दस्त, निमोनिया, और अन्य संक्रमणों से सुरक्षा मिलती है। वहीं माँओं में स्तन कैंसर, डायबिटीज़, व हृदय रोग के जोखिम में कमी आती है।
“नवजात शिशु का सर्वोत्तम आहार माँ का दूध होता है।”
कार्यक्रम का संचालन महिला अध्ययन केंद्र की निर्देशिका एवं गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. दिव्या रानी सिंह के मार्गदर्शन में किया गया। एम.एस.सी. खाद्य एवं पोषण की छात्राओं ने पोस्टर, लघु नाटिका और संवाद के माध्यम से महिलाओं को जानकारी दी। जिला अस्पताल के स्टाफ और उपस्थित महिलाओं ने इस पहल की सराहना की और इसे उपयोगी बताया।
स्तनपान सप्ताह के इस आयोजन ने न केवल महिलाओं को सशक्त किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि परिवार, समाज और संस्थागत स्तर पर स्तनपान के लिए एक स्थायी और सहायक वातावरण बनाना अत्यंत आवश्यक है।

