डीडीयूजीयू में 20 दिवसीय ग्रीष्म कालीन ‘चित्रकला कार्यशाला’ का शुभारम्भ

पूर्वा टाइम्स समाचार

गोरखपुर। राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश व ललित कला एवं संगीत विभाग, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में 20 दिवसीय ग्रीष्म कालीन ‘चित्रकला कार्यशाला’ का शुभारम्भ किया गया । कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रो० शांतनु रस्तोगी (प्रति कुलपति, गोरखपुर विश्वविद्यालय) , विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो० राजवंत राव ( अधिष्ठाता कला संकाय),प्रो. अनुभूति दुबे(अधिष्ठाता छात्र कल्याण) तथा आमंत्रित कलाकार के रूप में ललित कला एवं संगीत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो० सत्येंद्र कुमार सिंह शामिल हुए।20 दिवसीय इस ग्रीष्मकालीन चित्र कला कार्यशाला का आरंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। उसके उपरांत ललित कला एवं संगीत विभाग के अध्यक्ष प्रो० ऊषा सिंह तथा कार्य शाला संयोजक डॉ० गौरी शंकर चौहान एवं सह–संयोजक डॉ० प्रदीप साहनी , डॉ० प्रदीप राजोरिया ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया । कार्यशाला के संदर्भ में प्रो० ऊषा सिंह ने बताया कि यह 20 दिवसीय चित्रकला कार्यशाला कला विद्यार्थियों , कला प्रेमियों तथा नवोदित कलाकारों के लिए अत्यंत ही लाभकारी सिद्ध होगा।
संयोजक डॉ० गौरी शंकर चौहान ने बताया कि यह कार्यशाला जूनियर तथा सीनियर दो वर्ग में विभाजित है जिसमें लगभग 135 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया है इस कार्य शाला में विशेष तौर से “लैंडस्केप पेंटिंग” तथा “लोक कला” की बारीकियों को प्रशिक्षकों द्वारा सिखाया जाएगा। मुख्य अतिथि प्रो ० शांतनु रस्तोगी ने कहा कि ऐसे कला शिविर के आयोजन से बच्चों के अंदर की प्रतिभा बाहर निकलती है प्रतिभागियों में यह कार्यशाला नई ऊर्जा का संचार करेगी। विशिष्ट अतिथि प्रो ० राजवंत राव ने कहा कि हमारे भारतीय कला का इतिहास लगभग 30 हजार वर्ष पुराना है जिसका विकसित स्वरूप आज हम कई रूपो में देखने को मिलता है । डीo एस० डब्ल्यू प्रो अनुभूति दुबे ने कहा कि बिना कला के मानव पूंछ विहीन पशु के समान है प्रत्येक व्यक्ति कहीं न कहीं किसी कला से सम्बन्धित अवश्य होता है बस उसे जानने और पहचानने की जरूरत है। इसी क्रम में कार्य शाला में विशेष आमंत्रित कलाकार प्रो सत्येंद्र कुमार सिंह ने मंच पर प्रतिभागियों के समक्ष बिना तूलिका से लैंडस्केप पेंटिंग का डेमोंस्ट्रेशन दिया उन्होंने मात्र 10 मिनट में पेंटिंग बना कर प्रतिभागियों को एक्रेलिक कलर की तकनीक को बताया।
कार्यक्रम के अंत में कार्यशाला संयोजक डॉo गौरी शंकर चौहान ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया ।इस अवसर पर विभाग के शिक्षक , शोध छात्र, प्रतिभागी तथा छात्र- छात्राएं उपस्थित रहें।

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