“भारत छोड़ो” आंदोलन की पूर्व संध्या पर 08 अगस्त को बिजली कर्मी “कॉर्पोरेट घरानों – सार्वजनिक क्षेत्र में पॉवर सेक्टर छोड़ो” अभियान चलायेंगे
निजीकरण और उत्पीड़न के विरोध मे प्रदर्शन जारी
पूर्वा टाइम्स समाचार

गोरखपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने निर्णय लिया है कि भारत छोड़ो आंदोलन और काकोरी क्रांति की पूर्व संध्या पर बिजली कर्मी “कॉर्पोरेट घरानों – सार्वजनिक क्षेत्र में पॉवर सेक्टर छोड़ो” अभियान चलायेंगे। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज प्रदेश भर में बिजली कर्मियों ने निजीकरण और उत्पीड़न के विरोध में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, के पदाधिकारियों इं. पुष्पेन्द्र सिंह, इं. जीवेश नन्दन , इं. जितेन्द्र कुमार गुप्त, इं. अमित आनंद, इं. सुधीर राव , इं. योगेश यादव, इं. शिवमनाथ तिवारी, सी बी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, जगन्नाथ यादव, राकेश चौरसिया, राजकुमार सागर, विमलेश पाल, विजय बहादुर सिंह, करुणेश त्रिपाठी, ओम गुप्ता, एवं सत्यव्रत पांडे आदि तथा जे ई संगठन के पदाधिकारियों शिवम चौधरी, अमित यादव, विजय सिंह, एन के सिंह , प्रमोद यादव एवं रणंजय पटेल ने आज यहां कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की 2047 में विकसित भारत की कल्पना में सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न करेगा। निजी कंपनियों मुनाफे के लिये काम करने आयेंगी। बिजली के दामों में बेतहाशा वृद्धि होगी। निजीकरण प्रदेश के किसानों, गरीब और माध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के लिये अंधेरे का संदेश लेकर आयेगा। अतः इससे निजात पाने के लिये “अंग्रेजों भारत छोड़ो” की तर्ज पर “कार्पोरेट घरानों – सार्वजनिक क्षेत्र में पॉवर सेक्टर छोड़ो” अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान के अंतर्गत 08 अगस्त से 15 अगस्त तक बिजली कर्मी प्रतिदिन तिरंगा लेकर व्यापक जनसंपर्क कर आम लोगों को बिजली के निजीकरण से होने वाले नुकसान से अवगत कराएंगे। संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आज पुनः अपील की है कि वे निजीकरण के पीछे हो रहे घोटाले में मुख्य भूमिका निभाने वाले पॉवर कारपोरेशन के निदेशक वित्त श्री निधि नारंग को तीसरी बार सेवा विस्तार न दें। उल्लेखनीय है कि श्री निधि नारंग का सेवा विस्तार के बाद कार्यकाल 17 अगस्त को समाप्त हो रहा है। श्री निधि नारंग की सेवा विस्तार के लिए 14 जुलाई को पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भेजा था। उत्तर प्रदेश शासन ने 30 जुलाई को पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को पत्र भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि श्री निधि नारंग को और सेवा विस्तार देने का अब कोई औचित्य नहीं है। इसके बावजूद पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष गोयल ने पुनः शासन को पत्र भेजकर श्री निधि नारंग का 06 महीने के लिए और सेवा विस्तार करने की अनुशंसा की है।
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि श्री निधि नारंग ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन के साथ मिलकर कुछ चुनिंदा कॉर्पोरेट घरानों को गोपनीय दस्तावेज दे रहे हैं। यह बहुत गम्भीर बात है। ऐसी स्थिति में श्री निधि नारंग का कार्यालय तत्काल सील किया जाना चाहिए और उन्हें किसी भी परिस्थिति में सेवा विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए।
संघर्ष समिति के आह्वान पर आज निजीकरण और उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में बिजली कर्मियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी रखा। आज मुख्यतया वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध प्रदर्शन किया गया।