संस्कृत भाषा के बारह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन।

पूर्वा टाइम्स -बेचन शर्मा

सहजनवां गोरखपुर। पिपरौली ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय महुआडाबर में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संचालित गृहे गृहे संस्कृतम योजना के अंतर्गत चलाए जा रहे बारह दिवसीय संस्कृत भाषा शिक्षण शिविर का समापन गुरुवार को किया गया। इस समापन अवसर की मुख्य अतिथि प्रधानाध्यापिका रंजना द्विवेदी ने कहा कि कि संस्कृत भाषा केवल एक विषय मात्र नहीं है बल्कि यह एक समृद्ध, सुसंस्कृत और उच्च संस्कार से परिपूर्ण भाषा है। इस शिविर में प्रशिक्षण लेने के बाद छात्रों के अंदर संस्कृत भाषा के प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी और बच्चे संस्कृत विषय को आसानी से पढ़ सकेंगे।संस्कृत भाषा भारत की सबसे प्राचीन भाषा है।विगत कुछ वर्षों में बच्चों के अंदर इस भाषा के प्रति मोहभंग हुआ है लेकिन अब इस प्रशिक्षण शिविर से प्रशिक्षण लेने के पश्चात एक बार संस्कृत विषय के प्रति बच्चों का लगाव बढ़ेगा।इस शिविर की प्रशिक्षिका नमिता दूबे ने कहा कि संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन देवभाषा है।प्रशिक्षण के दौरान शिविर में बच्चों को इनके पाठ्य विषयों को खेल खेल में और गीत के माध्यम से सिखाया गया। इसके पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा सरस्वती मां के चित्र पर मालार्पण करके दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। उसके बाद स्कूली बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया गया। इस दौरान विजयलक्ष्मी राय, प्रतिमा शुक्ला, ऊषा राय, अनुपमा त्रिपाठी, अजय मिश्र सहित सभी शिक्षक और बच्चे उपस्थित रहे।

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