स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रबंधकों एवं प्राचार्यों संग कुलपति प्रो. पूनम टंडन की बैठक सम्पन्न
शिक्षा की गुणवत्ता और जवाबदेही के लिए विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के बीच संवाद की पहल
पूर्वा टाइम्स समाचार


गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में गोरखपुर जनपद के स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के प्रबंधकों एवं प्राचार्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक विश्वविद्यालय के गुरु गोरखनाथ शोधपीठ स्थित कमेटी हॉल में सम्पन्न हुई। यह बैठक आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 की तैयारियों के संदर्भ में आयोजित की गई थी। अपने उद्बोधन में कुलपति प्रो. टंडन ने कहा कि स्ववित्तपोषित महाविद्यालय पूर्वांचल में उच्च शिक्षा की उपलब्धता और विस्तार में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह बैठक संवाद के माध्यम से साझा चिंताओं, सुझावों और भविष्य की दिशा तय करने हेतु आयोजित की गई है।
कुलपति ने हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर महाविद्यालयों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक एवं स्पोर्ट्स गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर भागीदारी की सराहना की। उन्होंने परीक्षाओं के सफल आयोजन एवं समयबद्ध मूल्यांकन कार्य में दिए गए सहयोग के लिए सभी प्राचार्यों एवं प्रबंधकों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रो. टंडन ने महाविद्यालयों से आग्रह किया कि वे भविष्य में NAAC तथा NIRF रैंकिंग में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु गंभीरतापूर्वक तैयारी करें। उन्होंने आंतरिक मूल्यांकन के अंक समय पर विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने तथा शिक्षकविहीन विषयों में विद्यार्थियों को स्वयं अध्ययन प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों को अधिक उत्तरदायी बनना होगा, ताकि उन्हें अधिक अधिकार भी सौंपे जा सकें। विद्यार्थियों की विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के प्रति धारणा का निर्माण प्रवेश, कक्षाएं, परीक्षा एवं परिणाम जैसे अनुभवों के आधार पर होता है, अतः इन सभी कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
कुलपति ने यह भी कहा कि सभी महाविद्यालय अपनी शैक्षिक, सांस्कृतिक, खेलकूद एवं सामाजिक गतिविधियों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म—विशेषकर एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) एवं लिंक्डइन—पर साझा करें, ताकि उनकी प्रभावी उपस्थिति और विश्वविद्यालय की छवि को सुदृढ़ किया जा सके। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि विश्वविद्यालय द्वारा सभी प्रमुख सूचनाएं इन माध्यमों पर साझा की जाती हैं।
कुलपति ने सभी महाविद्यालयों से आग्रह किया कि वे शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ‘दीक्षारंभ’ अथवा ‘ओरिएंटेशन प्रोग्राम’ अवश्य आयोजित करें, जिससे नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं को संस्थान एवं विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली, मूल्यों एवं वातावरण की समुचित जानकारी मिल सके।
बैठक में उपस्थित प्राचार्यों एवं प्रबंधकों ने बेहतर शैक्षिक वातावरण निर्माण हेतु कुलपति एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया तथा अपनी समस्याएं एवं सुझाव भी साझा किए। कई सुझावों का समाधान मौके पर ही संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया।
कल देवरिया तथा कुशीनगर के महाविद्यालयों के साथ विमर्श किया जाएगा।