अंग्रेज़ी विभाग में नई सहस्त्राब्दी में लिटरेरी रिसर्च पर विशेष व्याख्यान आयोजित

शोध को तकनीक से जोड़ने की जरुरत: डॉ अजय चौबे

लिटरेरी रिसर्च में अंतरविषयक और बहुविषयक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता : प्रो अजय शुक्ला

पूर्वा टाईम्स समाचार

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) के अंग्रेज़ी विभाग द्वारा “नई सहस्त्राब्दी में लिटरेरी रिसर्च” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन 18 नवंबर, 2024 को किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक दीप प्रज्वलन से हुई। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अतिथियों का स्वागत पारंपरिक गुलदस्ते की जगह गुलाब और पौधे देकर किया गया। यह विभाग की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अंग्रेज़ी विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. अजय कुमार शुक्ला, ने अपने स्वागत भाषण में विषय पर प्रकाश डालते हुए 21वीं सदी में उभरती शोध पद्धतियों और विषयों पर चर्चा की । उन्होंने लिटरेरी रिसर्च में में अंतरविषयक और बहुविषयक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि साहित्य को अन्य विषयों के साथ जोड़कर इसका व्यापक अध्ययन किया जा सके।
मुख्य वक्ता, डॉ . अजय कुमार चौबे, विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया, ने एक विस्तृत और प्रेरक व्याख्यान दिया। उन्होंने सफारी , गूगल स्कॉलर , जैसे शोध उपकरणों और वेबसाइटों की जानकारी दी और उभरते शोध विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने डिजिटल ह्यूमैनिटीज, विविधता और समावेशन, मेडिकल ह्यूमैनिटीज, यात्रा और गतिशीलता, साहित्य में धर्म, आघात सिद्धांत), दृष्टि सिद्धांत, ग्राफिक कथाएँ , सांस्कृतिक मानचित्रण ,संगणकीय भाषाविज्ञान साइबरपंक और साहित्य में खाद्य संस्कृति जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। डॉ. चौबे ने यह भी बताया कि डिजिटल ह्यूमैनिटीज और सांस्कृतिक अध्ययन जैसे क्षेत्रों में तकनीकी उपकरणों का प्रभावी उपयोग शोध को अधिक व्यापक और प्रासंगिक बना सकता है। उनका व्याख्यान शोध छात्रों और प्राध्यापकों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा, जिसमें उन्होंने लिटरेरी रिसर्च में नवीन संभावनाओं और पद्धतियों पर प्रकाश डाला
कार्यक्रम का संचालन शोध छात्र अंकित पाठक ने कुशलतापूर्वक किया। शोध छात्रा जहरा शमशीर ने मुख्य वक्ता का परिचय प्रस्तुत किया और अंत में श्रेया पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षकों , शोध छात्रों और पी जी स्टूडेंट्स की उपस्थिति रही।

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